अश्व पूजन की परम्परा का भंवर बाईसा मोहलक्षिका कुमारी मेवाड़ ने निर्वहन किया
अश्विन शुक्ल नवरात्रि की नवमीं पर मेवाड़ वंश परम्परा के अनुरूप सम्पन्न हुई ‘अश्व पूजन’ की अनवरत परम्परा। इस वर्ष भंवर बाईसा मोहलक्षिका कुमारी जी मेवाड़ द्वारा पुरोहितजी व पण्डितों के मंत्रोच्चारण के साथ ‘लीला की पायगा’ में अश्व पूजन किया गया।