पुलिस और जनता के लिए Social Media यूज करने की नई गाइड लाइन जारी, ध्यान से पढ़ें और सुरक्षित रहें, 40000 लोगों को थाने ले जा चुकी पुलिस

राजस्थान के डीजीपी उमेश मिश्रा ने पुलिसकर्मियों के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर गाइडलाइन जारी की है। पुलिसकर्मियों को इस सोशल मीडिया गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने के आदेश दिए गए हैं। यहां तक कि पुलिसकर्मियों के सोशल मीडिया ग्रुप्स से जुड़ने पर भी पाबंदियां लगा दी गई हैं।

डीजीपी ने पुलिस को बताया कि कौन.से ग्रुप में नहीं जुड़ना है। डीजीपी ने अपने आदेश में कहा कि मौजूदा दौर में पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा भी व्यक्तिगत रूप से सोशल मीडिया के विभिन्न हैंडल्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। चूंकि सोशल मीडिया पर डाली गई प्रत्येक सामग्री पब्लिक प्लेटफॉर्म पर सबके लिए आसानी से उपलब्ध होती है। इसलिए पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर कुछ बातों को ध्यान रखना जरूरी है।

डीजीपी ने जारी की यह गाइडलाइन

1 .राजस्थान पुलिस के सोशल मीडिया हैंडल को लाइक और फॉलो करें।
2 .सोशल मीडिया अकाउंट की सुरक्षा के लिए स्ट्रांग पासवर्ड बनाएं और समय.समय पर उसे बदलते रहें।
3 . सरकारी सोशल मीडिया अकाउन्ट में सरकारी मोबाइल नंबर और सरकारी ई.मेल आईडी का इस्तेमाल करें।
4 . पुलिसकर्मी वर्दी में ऐसी किसी भी तरह की रील ना बनाएं और ना ही अपलोड करें, जिससे पुलिस की छवि धूमिल होती हो।
5 . सोशल मीडिया पर ऐसा कोई लाइव ना करें, जिससे पुलिस की गोपनीयता भंग होने की संभावना रहती है।
6 . किसी भी अंडर कवर ऑपरेशन की जानकारी सोशल मीडिया पर साझा ना करें।
7 . व्यक्तिगत हैंडल से किसी भी तरह के कोई गोपनीय सरकारी दस्तावेज साझा ना करें।
8 . पुलिसकर्मियों द्वारा अपने निजी या सरकारी हैंडल से जाति विशेष, सम्प्रदाय, धर्म, क्षेत्रवाद पर भेदभाव या पूर्वाग्रह से ग्रसित टिप्पणी ना करें।
9 . राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दों के बारे में सरकारी या निजी हैंडल से किसी भी तरह की कोई पोस्ट या टिप्पणी ना की जाए।
10 . गश्त, पेट्रोलिंग के समय पुलिसकर्मियों को मिलने वाले लोगों की फोटो जरूरत पड़ने पर ब्लर करके ही सोशल मीडिया हैंडल्स पर डाली जाए जिससे उनकी पहचान की गोपनीयता बनी रहे।

उधर डीजीपी उमेश मिश्रा ने प्रदेश की जनता के लिए पहले ही गाइड लाइन जारी की थी कि सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की अफवाह, झूठी सूचनाएं आदि ना फैलायें, साथ ही यह भी बताया गया था कि बदमाशों और गैंगस्टर्स को फॉलो नहीं करें। ऐसा करने वाले करीब चालीस हजार लोगों को थाने लाकर पुलिस ने अपनी भाषा में समझाया है, पिछले छह महीनों के दौरान।

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