Deputy Director State Insurance And Provident Fund Department Will Be Saving 10 Lakh Papers Per Year By Going Paperless.
जयपुर, 20 अक्टूबर। राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग कार्मिंकों के लिए राज्य बीमा, जीपीएफ ऋण एवं आहरण के सम्बन्ध में पेपरलैस व्यवस्था करने जा रहा है। पूर्व में आवेदक को ऑनलाईन आवेदन के साथ हार्ड कॉपी भी जमा करवानी होती थी, किन्तु अब हार्ड कॉपी के स्थान पर स्केण्ड डॉक्यूमेन्ट्स के साथ पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। यह व्यवस्था पायलट बेसिस पर अभी विभाग के जिला कार्यालय सचिवालय में आरम्भ होगी।
राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग के निदेशक श्री आनंद स्वरूप ने बताया कि विभाग में 2009-10 से ही कम्प्यूटराइजेशन आरम्भ हो चुका है तथा लगभग 6.50 लाख कार्मिंकों की आईडी एसआईपीएफ पोर्टल पर सर्जित की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि विभाग में पेपरलैस व्यवस्था लागू होने से कोरोना संक्रमण के इस दौर में राज्यकर्मिंयो को बीमा कार्यालय आना-जाना नहीं पडे़गा साथ ही कागज की बचत के साथ पर्यावरण भी स्वच्छ और संरक्षित रहेगा।
विभाग के अतिरिक्त निदेशक (सिस्टम) श्री योगमित्र दिनकर ने बताया कि वर्तमान में विभाग में प्रतिवर्ष लगभग 1.89 लाख प्रावधायी निधि, जीपीएफ आहरण एवं एक लाख राज्य बीमा ऋण आवेदन प्राप्त होते हैं। इनके साथ 5-6 प्रपत्र, जीपीएफ, बीमा पासबुक, रिकार्ड बुक भी संलग्न की जाती है। अब पेपरलैस व्यवस्था के लागू हो जाने से लगभग 10 लाख सालाना पेपर की बचत होगी। पेपरलैस आवेदन की सम्पूर्ण प्रक्रिया विभाग की वेबसाइट www.sipf.rajasthan.gov.in पर उपलब्ध है।