श्री भूपेंद्र यादव ने बाली में जी-20 देशों के पर्यावरण और जलवायु मंत्रियों की संयुक्त बैठक (जेईसीएमएम) में कहा कि समाज के सबसे कमजोर तबकों को ध्यान में रखते हुए दुनिया भर में पर्यावरण की दृष्टि से मजबूत सुधार और लचीलेपन के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है

केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, श्री भूपेंद्र यादव ने कल इंडोनेशिया के बाली में आयोजित जी-20 देशों के पर्यावरण और जलवायु मंत्रियों की संयुक्त बैठक (जेईसीएमएम) में भाग लिया।

जी-20 बैठक के समापन दिवस पर अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री ने दुनिया भर में मजबूत सुधार और लचीलापन लाने के लिए एक साथ काम करने की आवश्यकता को रेखांकित किया और कहा कि इस काम में किसी को भी, विशेष रूप से समाज के सबसे कमजोर वर्गों को भी पीछे नहीं छोड़ा जा सकता। उन्होंने याद दिलाया कि यह सतत विकास के 2030 के एजेंडे के केंद्र में है।

श्री यादव ने कहा कि सतत सुधार को सतत विकास लक्ष्यों की ओर ले जाया जाना चाहिए। अपने संबोधन में उन्होंने जोर देकर कहा कि जहां जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक परिघटना है, वहीं इसके नकारात्मक प्रभाव गरीब और कमजोर लोगों को, विशेष रूप से विकासशील देशों में अधिक गंभीरता से महसूस करने पड़ते हैं। प्राकृतिक संसाधनों पर विश्वभर में बहुत अधिक निर्भरता है, लेकिन जलवायु विषमता से निपटने की क्षमता बहुत सीमित है। जलवायु परिवर्तन की यह परिघटना बहुत गहरे तक भेदभावपूर्ण है। विकासशील देशों के जिन लोगों ने इसमें सबसे कम योगदान दिया है, वे ग्लोबलवार्मिंग के प्रभाव से सबसे अधिक प्रभावित होंगे। इसलिए समकालीन पर्यावरणीय चुनौती से निपटने के लिए कोई भी पहल राष्ट्रीय परिस्थितियों और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए समानता और सामान्य लेकिन अलग-अलग जिम्मेदारियों और संबंधित क्षमताओं के सिद्धांत पर आधारित होनी चाहिए।

श्री यादव ने सभा को बताया कि भारत 1 दिसंबर, 2022 को जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा और 2023 में जी-20 शिखर सम्मेलन में उसका कार्यकाल समाप्त होगा। जैसा कि इंडोनेशिया के अध्यक्ष रहते हो रहा है, उसी तरह भारत के जी-20 का अध्यक्ष बनने के दौरान भारत के विभिन्न शहरों में बैठकें, कार्यशालाएं, सेमिनार और दौरे आयोजित किए जाएंगे।

श्री यादव ने बताया कि नवंबर 2021 में सीओपी 26 के दौरान विश्वभर के नेताओं की शिखर बैठक में हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सतत विकास के लिए एक नया मंत्र दिया यानी लाइफ-लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट। आज जरूरत इस बात की है कि जीवन को नासमझी में की जाने वाली विनाशकारी खपत की जगह समझदारीपूर्वक किए जाने वाले उपयोग में बदल दिया जाए। स्वच्छ ऊर्जा और ऊर्जा सुरक्षा, कम कार्बन और कुशल औद्योगिक विकास, सतत कृषि और निम्न कार्बन जीवन की दिशा में भारत का प्रयास सभी के लिए स्थायी जीवन शैली का विकास करने में परिवर्तनकारी बदलाव की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हम सभी के लिए वहनीय, प्राप्त करने योग्य और टिकाऊ जीवनशैली सुनिश्चित करने के लिए समृद्धि को फिर से परिभाषित करने की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक आमजन को सतत जीवनशैली मुहैया कराने का काम समन्वित कार्रवाई से ही पूरा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत का दृष्टिकोण समूचे विश्व के लिए एक समान है और यह सभी देशों, अर्थव्यवस्थाओं और समुदायों की एकदूसरे पर निर्भरता में विश्वास करता है।

अपने संबोधन के अंत में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने जी-20 देशों के प्रतिनिधियों को भारत की अध्यक्षता में होने वाली जी-20 देशों के पर्यावरण मंत्रियों की अगली बैठक और जलवायु सततता कार्य समूह की बैठकों में शामिल होने का निमंत्रण दिया।

***

Total
0
Shares
Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous Post

Climate crisis: India showing intent as problem solver, says Bhupender Yadav at G20 meet

Next Post

सेल के स्पेशल स्टील से बना है आईएनएस विक्रांत

Related Posts

बैंकों की व्यवस्थाओं से परेशान ग्रामीणों एवं व्यापारियों ने सांसद मीणा से की कार्यवाही की मांग

पीएनबी की शाखा में पिछले 8 दिनों से कभी सर्वर बंद कभी विद्युत आपूर्ति बंद, कभी सिस्टम ठप होने के नाम पर लेनदेन बंद कर दिया जाता है ।
Read More
Total
0
Share