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PM participates in ceremony to name 21 largest unnamed islands of Andaman & Nicobar Islands after 21 Param Vir Chakra awardees
On Parakram Diwas, the Prime Minister, Shri Narendra Modi participated in a ceremony to name the 21 largest…
प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए वाराणसी में दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज – एमवी गंगा विलास को झंडी दिखाकर रवाना किया
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से वाराणसी में दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज-एमवी गंगा विलास को झंडी दिखाकर रवाना किया और टेंट सिटी का उद्घाटन किया। उन्होंने 1000 करोड़ रुपये से अधिक की कई अन्य अंतर्देशीय जलमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया। रिवर क्रूज टूरिज्म को बढ़ावा देने के प्रधानमंत्री के प्रयास के अनुरूप, इस सेवा के लॉन्च के साथ रिवर क्रूज की विशाल अप्रयुक्त क्षमता का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा और यह भारत के लिए रिवर क्रूज टूरिज्म के एक नए युग का सूत्रपात करेगी। सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने भगवान महादेव की जय-जयकार की और लोहड़ी के शुभ अवसर पर सभी को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने हमारे त्योहारों में दान, आस्था, तपस्या और आस्था तथा उनमें नदियों की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा यह नदी जलमार्ग से संबंधित परियोजनाओं को और अधिक महत्वपूर्ण बनाती है। उन्होंने कहा कि काशी से डिब्रूगढ़ तक के सबसे लंबे रिवर क्रूज को आज झंडी दिखाई जा रही है, जो विश्व पर्यटन मानचित्र पर उत्तर भारत के पर्यटन स्थलों को सामने लाएगा। उन्होंने कहा कि आज वाराणसी, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और बिहार, असम में समर्पित की जा रही एक हजार करोड़ रुपये की अन्य परियोजनाएं पूर्वी भारत में पर्यटन और रोजगार की संभावनाओं को बढ़ावा देंगी। प्रत्येक भारतीय के जीवन में गंगा नदी की केंद्रीय भूमिका के बारे में चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि गंगा जी हमारे लिए सिर्फ एक जलधारा भर नहीं है, बल्कि यह प्राचीन काल से हमारे महान भारत की तप-तपस्या की साक्षी हैं। उन्होंने कहा कि भारत की स्थितियां-परिस्थितियां कैसी भी रही हों, मां गंगे ने हमेशा कोटि-कोटि भारतीयों को पोषित किया है, प्रेरित किया है। श्री मोदी ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद की अवधि में गंगा किनारे के आस-पास का क्षेत्र विकास में पिछड़ गया, जिससे इस क्षेत्र से आबादी का भारी पलायन हुआ। प्रधानमंत्री ने इस दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति से निपटने के लिए दोहरे दृष्टिकोण की व्याख्या की। एक ओर नमामि गंगे के माध्यम से गंगा की सफाई का अभियान चलाया गया तो दूसरी ओर अर्थ गंगा का सहारा लिया गया। ‘अर्थ गंगा’ में जिन राज्यों से गंगा गुजरती है, वहां आर्थिक गतिशीलता का वातावरण बनाने के लिए कदम उठाए गए हैं। क्रूज की पहली यात्रा पर आए विदेशी पर्यटकों को सीधे संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “आज भारत के पास सब कुछ है और आपकी कल्पना से परे भी बहुत कुछ है।” उन्होंने कहा कि भारत को केवल दिल से अनुभव किया जा सकता है क्योंकि देश ने क्षेत्र या धर्म, पंथ या देश के बावजूद सभी का खुले दिल से स्वागत किया है और दुनिया के सभी हिस्सों से पर्यटकों का स्वागत किया है। रिवर क्रूज के अनुभव पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि इसमें सभी के लिए कुछ न कुछ खास है। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिकता में रुचि रखने वालों के लिए काशी, बोधगया, विक्रमशिला, पटना साहिब और माजुली जैसे गंतव्यों को कवर किया जाएगा, एक बहुराष्ट्रीय क्रूज अनुभव की तलाश करने वाले पर्यटकों को बांग्लादेश में ढाका से होकर जाने का अवसर मिलेगा, और जो भारत की प्राकृतिक विविधता को देखना चाहते हैं, उनके लिए यह सुंदरबन और असम के जंगलों से होकर गुजरेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह क्रूज 25 विभिन्न नदी धाराओं से होकर गुजरेगा, इसलिए उन लोगों के लिए इस क्रूज का विशेष महत्व है, जो भारत की नदी प्रणालियों को समझने में गहरी रुचि रखते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह उन लोगों के लिए एक सुनहरा अवसर है जो भारत के असंख्य पाक और व्यंजनों का पता लगाना चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने क्रूज पर्यटन के नए युग पर प्रकाश डालते हुए कहा, “कोई भी इस क्रूज पर भारत की विरासत और इसकी आधुनिकता के असाधारण समामेलन को देख सकता है, जहां देश के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।” प्रधानमंत्री ने कहा, “विदेशी पर्यटकों के लिए तो यह आकर्षण होगा ही, देश के भी जो पर्यटक पहले ऐसे अनुभवों के लिए विदेश जाते थे, वे अब पूर्वी-उत्तर पूर्वी भारत का रुख कर पाएंगे।” उन्होंने यह भी बताया कि बजट के साथ-साथ लग्जरी अनुभव को ध्यान में रखते हुए क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए देश के अन्य अंतर्देशीय जलमार्गों में भी इसी तरह की सुविधाएं तैयार की जा रही हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत पर्यटन के एक मजबूत चरण में प्रवेश कर रहा है क्योंकि बढ़ते वैश्विक प्रोफाइल के साथ, भारत के बारे में उत्सुकता भी बढ़ रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसीलिए, पिछले 8 वर्षों में देश में पर्यटन क्षेत्र के विस्तार के लिए कई कदम उठाए गए हैं। आस्था के स्थलों को प्राथमिकता के आधार पर विकसित किया गया और काशी ऐसे प्रयासों का जीता-जागता उदाहरण है। बेहतर सुविधाओं और काशी विश्वनाथ धाम के कायाकल्प के साथ, काशी में आने वाले भक्तों की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई है। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भारी बढ़ावा मिला है। काशी में गंगा पार अद्भुत टेंट सिटी से वहां आने और रहने का एक और बड़ा कारण देश-दुनिया के पर्यटकों-श्रद्धालुओं को मिला है। आधुनिकता, आध्यात्मिकता और आस्था से ओतप्रोत न्यू टेंट सिटी पर्यटकों को एक नया अनुभव प्रदान करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का कार्यक्रम देश में 2014 के बाद की नीतियों, निर्णयों और दिशा-निर्देशों का प्रतिबिंब है। प्रधानमंत्री ने कहा, “21वीं सदी का यह दशक, भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर के कायाकल्प का दशक है। इस दशक में भारत के लोग, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की वह तस्वीर देखने जा रहे हैं, जिसकी कल्पना तक मुश्किल थी।” उन्होंने कहा कि घरों, शौचालयों, अस्पतालों, बिजली, पानी, रसोई गैस, शैक्षिक संस्थानों जैसे सामाजिक बुनियादी ढांचे से लेकर रेलवे, जलमार्ग, वायुमार्ग और सड़कों जैसे भौतिक संपर्क बुनियादी ढांचे तक, ये सभी भारत के तेजी से विकास के मजबूत संकेतक हैं। उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों में भारत सबसे अच्छा और सबसे बड़ा देख रहा है। प्रधानमंत्री ने देश में परिवहन के इस मोड में समृद्ध इतिहास के बावजूद 2014 से पहले भारत में नदी जलमार्गों का कम इस्तेमाल होने के बारे में चर्चा की। 2014 के बाद, भारत इस प्राचीन शक्ति का उपयोग आधुनिक भारत के निर्माण के लिए कर रहा है। देश की बड़ी नदियों में जलमार्ग विकसित करने के लिए नया कानून और विस्तृत कार्ययोजना है। प्रधानमंत्री ने बताया कि 2014 में देश में केवल 5 राष्ट्रीय जलमार्ग थे, अब देश में 111 राष्ट्रीय जलमार्ग हैं और लगभग दो दर्जन पहले से ही चालू हैं। इसी तरह, नदी जलमार्ग के माध्यम से कार्गो परिवहन में 8 साल पहले 30 लाख मीट्रिक टन से 3 गुना वृद्धि हुई है। पूर्वी भारत के विकास के विषय पर चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के कार्यक्रम पूर्वी भारत को विकसित भारत के लिए एक विकास इंजन बनाने में मदद करेंगे। यह हल्दिया मल्टीमॉडल टर्मिनल को वाराणसी से जोड़ता है और भारत बांग्लादेश प्रोटोकॉल मार्ग और पूर्वोत्तर से भी जुड़ा हुआ है। यह कोलकाता बंदरगाह और बांग्लादेश को भी जोड़ता है। इससे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से बांग्लादेश तक व्यापार करने में आसानी होगी। कर्मचारियों और कुशल कार्यबल के प्रशिक्षण की आवश्यकता पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि गुवाहाटी में एक कौशल विकास केंद्र स्थापित किया गया है और जहाजों की मरम्मत के लिए गुवाहाटी में एक नई सुविधा का निर्माण भी किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, “क्रूज शिप हो या कार्गो शिप, ये न सिर्फ ट्रांसपोर्ट और टूरिज्म को बढ़ावा देते हैं, बल्कि इनकी सर्विस से जुड़ा पूरा उद्योग भी नए अवसर पैदा करता है।” एक अध्ययन का हवाला देते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि जलमार्ग पर्यावरण की रक्षा के लिए भी अच्छे हैं और पैसे की भी बचत करते हैं। उन्होंने कहा कि जलमार्गों के संचालन की लागत सड़क मार्गों की तुलना में ढाई गुना कम है और रेलवे की तुलना में एक तिहाई कम है। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि भारत में हजारों किलोमीटर के जलमार्ग नेटवर्क को विकसित करने की क्षमता है। उन्होंने इस बात पर भी जोर देते हुए कहा कि भारत में जो 125 से ज्यादा नदियां और नदी धाराएं हैं, वे लोगों और सामान के ट्रांसपोर्ट में इस्तेमाल की जा सकती हैं और ये वाटर-वे, भारत में पोर्ट लेड डेवलपमेंट को भी बढ़ाने में मदद करेंगे। उन्होंने जलमार्गों के एक आधुनिक बहु-मॉडल नेटवर्क के निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया और बांग्लादेश और अन्य देशों के साथ साझेदारी के बारे में जानकारी दी, जिसने पूर्वोत्तर में जल संपर्क को मजबूत किया है। संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने भारत में विकासशील जलमार्गों की निरंतर विकास प्रक्रिया पर प्रकाश डालते हुए कहा, “एक विकसित भारत के निर्माण के लिए मजबूत कनेक्टिविटी आवश्यक है।” प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत की नदी जल शक्ति और देश के व्यापार और पर्यटन को नई ऊंचाई देगी और उन्होंने सभी क्रूज यात्रियों के लिए सुखद यात्रा की कामना की।…
भारत के जी-20 अध्यक्षता और जापान के जी-7 अध्यक्षता के दौरान दोनों देशों के बीच सहयोग और “वसुधैव कुटुम्बकम” की दिशा में दुनिया के भविष्य को आकार देने का एक अनूठा अवसर: श्री भूपेंद्र यादव
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, श्री भूपेंद्र यादव ने जापान के पर्यावरण मंत्री महामहिम श्री अकिहिरो निशिमुरा के…
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य के भीम-यूपीआई लेनदेन (पी2एम) को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अप्रैल 2022 से एक वर्ष की अवधि के लिए रुपे…
Raksha Mantri chairs Ambassadors’ Roundtable conference for Aero India 2023; Representatives of over 80 countries attend the reach out event in New Delhi
Raksha Mantri Shri Rajnath Singh chaired, in New Delhi on January 09, 2023, the Ambassadors’ Roundtable conference for…
PM inaugurates 17th Pravasi Bharatiya Divas Convention in Indore, Madhya Pradesh
The Prime Minister, Shri Narendra Modi inaugurated the 17th Pravasi Bharatiya Divas Convention in Indore, Madhya Pradesh today.…
सम्मेद शिखरजी पर्वत क्षेत्र से जुड़े पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र अधिसूचना की धारा 3 के प्रावधानों और अन्य सभी पर्यटन और ईको-पर्यटन गतिविधियों को लागू करने पर तत्काल रोक
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) को पिछले कुछ दिनों में पारसनाथ वन्यजीव अभयारण्य में होने वाली कुछ…
DPIIT to organize Startup India Innovation Week from 10th January 2023 to 16th January 2023
Department for Promotion of Industry and Internal Trade (DPIIT), Ministry of Commerce and Industry is organizing Startup India…
PM participates in historic programme marking ‘Veer Bal Diwas’ at Major Dhyan Chand National Stadium in Delhi
The Prime Minister, Shri Narendra Modi participated in a historic programme marking ‘Veer Bal Diwas’ at Major Dhyan…
Union Minister for Environment, Forest and Climate Change Shri Bhupender Yadav delivers the National Statement at COP15 of Convention on Biodiversity
The Union Minister for Environment, Forest and Climate Change Shri Bhupender Yadav delivered India’s National Statement at the…