कोरोना में Remdesivir इंजेक्शन कितना कारगर, जानें विशेषज्ञों की जुबानी

क्या रेमडेसिविर के बिना कोई कोरोना संक्रमित मरीज सही नहीं हो सकता? क्या रेमडेसिविर इंजेक्शन ही कोरोना संक्रमित मरीजों की जान बचा सकता है? ऎसे कई सवाल हैं, जो कोरोना संक्रमित और उनके परिजनों को इन दिनों परेशान कर रहे हैं।कुछ ऎसे ही सवालों का जवाब जानने के लिए हमने बात की कुछ विशेषज्ञों से और उनसे जाने कोरोना के दौरान रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत के बारे में। विशेषज्ञों का मानना है कि हर कोरोना संक्रमित मरीज को रेमडेसिविर इंजेक्शन लगवाने की जरूरत नहीं है
How important is Remdesivir Injection Corona Virus

जयपुर, 24 अप्रेल। प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के बीच ऑक्सीजन के बाद यदि किसी चीज की सबसे ज्यादा मांग है तो वह है रेमडेसिविर इंजेक्शन। क्या हर संक्रमित मरीज को रेमडेसिविर इंजेक्शन लगवाना जरूरी है? क्या रेमडेसिविर के बिना कोई कोरोना संक्रमित मरीज सही नहीं हो सकता? क्या रेमडेसिविर इंजेक्शन ही कोरोना संक्रमित मरीजों की जान बचा सकता है? ऎसे कई सवाल हैं, जो कोरोना संक्रमित और उनके परिजनों को इन दिनों परेशान कर रहे हैं।कुछ ऎसे ही सवालों का जवाब जानने के लिए हमने बात की कुछ विशेषज्ञों से और उनसे जाने कोरोना के दौरान रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत के बारे में। विशेषज्ञों का मानना है कि हर कोरोना संक्रमित मरीज को रेमडेसिविर इंजेक्शन लगवाने की जरूरत नहीं है। आप भी जानें रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत के बारे में स्वयं उनकी जुबानी-

रेमडेसिविर कोरोना की अवधि को कम करता है, जीवन रक्षक दवा नहीं
डॉ. सुधीर भंडारी, प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक, सवाई मानसिंह चिकित्सा महाविद्यालय, पहले सप्ताह में कोविड कम्वेलेशेन्ट प्लाज्मा वायरल लॉड कम करने में काफी मदद करता है। अतः रेमडेसिविर कोविड मैनेजमेन्ट का एक हिस्सा है, जिसकी उपयोगिता पहले 7 दिन में सबसे अधिक है एवं आवश्यकता होने पर इसे 10 दिन तक उपयोग में लिया जा सकता है।
रेमडेसिविर कोरोना बीमारी की अवधि को कम करता है, पर यह जीवन रक्षक दवाई नहीं है एवं मौत की दर को घटा नहीं सकता। यह एक एंटी वायरल ड्रग है और संक्रमण के शुरुआती दिनों में कारगर साबित होता है। संक्रमण अधिक फैलने पर लंग्स खराब होने की स्थिति में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। कोरोना के हर मरीज को इस इंजेक्शन की आवश्यकता नहीं लगती है। सामान्य लक्षणों वाले मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं लगाना होता है वे घर पर डी आइसोलेशन और सही देखरेख से ठीक हो सकते हैं, लेकिन वे मरीज जिनमें गंभीर लक्षणों के साथ-साथ ऑक्सीजन लेवल की कमी पाई जाती है उन्हें यह इंजेक्शन देना जरूरी होता है।
यदि पहले सप्ताह में ऑक्सीजन लेवल कम (90 से 91) होने के साथ-साथ 6 मिनट चलने (6 मिनट वॉक टेस्ट) से सेचुरेशन 4 से 5 प्रतिशत घटता है, तेज बुखार होता है, लंग्स में सीटी स्कोर 8 से अधिक हो, साइटोकाइन मारकर्स बढ़े हुए हों, लिम्फोसाइट व पोलीमोर्फ का अनुपात 3.5 से अधिक हो, इओसिनोफिल 0 प्रतिशत हो, जो कि हाई वायरल इंफेक्शन इंडीकेट करती है, तो रेमडेसिविर देना चाहिए अन्यथा यह जीवन रक्षक दवाई नहीं है।
दूसरे सप्ताह में स्टीरइड्स (जो कि जीवन रक्षक दवाई का कार्य करती है), खून पतला करने की दवाईयां एवं एंटीबायोटिक्स का अधिक उपयोग होता है। अगर मरीज को साइटोकाइन स्टॉर्म है जिसमें कि आईएल-6 व सीआरपी नामक कैमिकल बढ़ जाते हैं, तो उन्हें मोनोक्लोनल एंटीबडीज दी जा सकती है। अतः रेमडेसिविर का रोल पहले सप्ताह में वायरल लोड कम करने में है, एसिम्प्टोमेटिक व माइल्ड डिजीज में इसको इस्तेमाल करने की आवश्यकता नहीं है और 10 दिन बाद भी इसकी कोई महत्ता नहीं है। जो मरीज वेन्टीलेटर पर हैं या एक्मो पर हैं, उन्हें रेमडेसिविर की आवश्यकता नहीं होती है। रेमडेसिविर को आवश्यकता होने पर ही प्रोटोकॉल के तहत प्रयोग करना चाहिए। सभी मरीजों को इसकी आवश्यकता नहीं होती है।

रेमडेसिविर दवा एंटी वायरल दवा है, जीवनरक्षक नहींडॉ. वीरेन्द्र सिंह, राजस्थान अस्पताल, जयपुर
रेमडेसिविर दवा एंटी वायरल दवा है, जो सिर्फ रोग के पहले सप्ताह में ऑक्सीजन की जरूरत वाले रोगियों में ही बीमारी का समय कम करने में असरदार है। मौत रोकने में यह नाकाम है। ऎसे में सिर्फ कुछ रोगियों को ही यह दवा देनी चाहिए। यदि यह दवा नहीं मिले तो मौत रोकने में यह दवा नाकाम है। इसलिए यदि किसी हालत में दवा नहीं भी मिले तो कोई परेशान होने की जरूरत नहीं है। स्टीरॉइड और खून पतला करने वाली दवा इस रोग में जीवन रक्षक हैं जो अधिकांश चिकित्सक इस्तेमाल कर रहे हैं। चिकित्सकों को कान्फीडेन्स के साथ कहना चाहिए कि रेमडेसिविर दवा उपलब्ध न होने से रोगी की मौत होने की रिस्क नहीं बढ़ती है।

वेंटीलेटर पर आए रोगियों को रेमडेसिविर का लाभ नहींडॉ. आर. एस. खेदड़, इटरनल हॉस्पीटल, जयपुर
रेमडेसिविर का प्रयोग केवल उन्हीं कोविड रोगियों के लिए है, जिनमें बीमारी मोडरेट एवं गम्भीर है तथा लक्षण शुरू होने के बाद दस दिन के अन्दर रोगी भर्ती होने के लिए अस्पताल आता है। जिनकी उम्र 12 वर्ष से अधिक है और जिनका वजन 40 किलोग्राम से अधिक है ऎसे रोगी को किडनी एवं लीवर की बीमारी (जो गाइडलाइन के मूल्यांक अनुसार) नहीं हो। इकमो पद्धति एवं वेन्टीलेटर पर रोगियों को इसका फायदा नहीं होता।

सीटी स्कैन में कोविड के लक्षण नहीं मिलने और सांस लेने में समस्या नहीं होने पर रेमडेसिविर लगाने की नहीं है जरूरत
डॉ. सुशील कालरा, निदेशक मेडिसिन विभाग, सी.के. बिड़ला हॉस्पिटल,
रेमडेसिविर को जहां जरूरत हो, वहीं काम में लें। बीमारी के लक्षण के एक सप्ताह के बाद रेमडेसिविर काम में लेने से कोई फायदा नहीं होता। अधिक जौखिक वाले मरीज जैसे बीपी, 60 वर्ष से अधिक वाले मरीज, हृदय रोग के मरीज, किडनी के मरीज, कैन्सर वाले मरीज आदि, जहां वायरस अधिक डैमेज करता है, इन लोगों में अगर सीआरपी लेवल बढ़ा हुआ है और इनके सीटी स्केन में यदि कोविड के लक्षण दिखाई देते हैं तो इन लोगों को जल्द ही रेमडेसिविर लगा देना चाहिए। अगर सीटी स्केन में कोविड के लक्षण नहीं है और मरीज को बुखार, खांसी या सांस लेने में समस्या नहीं है, सीपीआर लेवल भी सामान्य हो तो, ऎसे मरीजों को रेमडेसिविर लगाने की आवश्यकता नही होती।

Total
0
Shares
Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous Post
Free Vaccine for 18+ in Rajasthan

राज्य सरकार उठाएगी 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों के वैक्सीनेशन का खर्च – मुख्यमंत्री

Next Post
COVID-19: Vistara offers to fly doctors, nurses free of cost across country

Vistara offers to fly doctors, nurses free of cost across the country

Related Posts

कोरोना संक्रमित मरीजों की सिटी स्कैन जांच के लिए शुल्क किया निर्धारित

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा के निर्देश पर प्रदेश में कोरोना मरीजों में फेफड़ों के गंभीर संक्रमण की निजी चिकित्सालयों व जांच प्रयोगशालाओं को एचआर सिटी स्कैन जांच का शुल्क निर्धारित किया गया है।
Read More
Like efficient management of Corona, we will also set an example in the vaccine campaign: Chief Minister Ashok Gehlot

कोरोना के कुशल प्रबंधन की तरह ही हम वैक्सीन अभियान में भी मिसाल पेश करेंगे: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कोरोना के कुशल प्रबंधन से प्रदेश में कोविड रोगियों की संख्या सीमित होना और आज वैक्सीन की शुरूआत होना एक सुखद संयोग है।
Read More
Total
0
Share