वर्ल्ड सुसाईड प्रिवेंशन डेः डाॅ गुप्ता के साथ एक्सपर्ट पैनल ने दिए कई सुझाव, बताएं कैसे करें जीवन को डिप्रेशन से मुक्त, फेसबुक से जुडे हजारों लोगों ने देखा राय भी मांगी
उदयपुर. दुनिया में हर 40 सेकैंड में एक व्यक्ती सुसाईड कर रहा है और भारत में 4 मिनिट पर। इसका मुख्य कारण डिप्रेशन है। जिसे तोड़ने के लिए सामुहिक प्रयास का होना काफी जरूरी है। यह बात कही अरावली हाॅस्पीटल के डायरेक्टर और लाइफ स्टाईल मेनेजमेंट एक्सपर्ट डाॅ. आनंद गुप्ता ने वर्ल्ड सुसाईड प्रिवेंशन डे के मौके पर। गुप्ता ने बताया कि कोरोना के इस वक्त में हर किसी की लाइफ स्टाईल बदली है। ऐसे में इस बार इस वक्त को देखते हुए वेबिनार के माध्यम से पैनल चर्चा का निणर्य लिया गया। गुप्ता ने कहा कि आज के इस वक्त में कई लोगों में डिपरेशन इतना है कि वे अंदर से टूट जाते है और अपनी सोच को इस कदर बना लेते है कि उनके सामने सुसाइड के अलावा कोई दुसरा विकल्प नही रहता। इस कारण ये समस्या समाज में फेल कर बडे डिपरेशन का रूप ले लेती है। ये एक तरह का भयावह है जिसे तोडना काफी जरूरी है। जिसे सामुहिक प्रयास से ही खत्म किया जा सकता है। गुप्ता ने कहा कि जहां भी ऐसा अवसाद देखने को मिले तो उनकी सोच को कैसे बदले इसका विकल्प साथ मिलकर निकालना होगा। मुख्य वक्ता गुप्ता के अलावा मनोरोग चिकित्सक डाॅ. आर. के शर्मा, योगा विशेषज्ञ डाॅ. गुनीत मोंगा, डाइट एक्सपर्ट डाॅ. रिधिमा खमेसरा भी शामिल हुए। जुम एप से लगभव एक घंटे की इस वेबिनार को शहर सहित देश के कई लोगों ने फेसबुक की मदद से हजारों की संख्या में देखा और शेयर करते हुए सुझाव मांगे।
इन एक्सपर्ट ने बताई ये बातें जो हर एक को जाननी जरूरीः
मनोरोग चिकित्सक डाॅ. आर. के शर्मा ने बताया कि डिप्रेशन इंसान को क्या से क्या करने में मजबुर कर देता है। व्यक्ती का जो लक्ष्य होता है वो पुरा नही होता तो उसके दिमाग में अजीबों गरीब सवाल उठते है जिससे वो उभर नही पाता और गलत कदम उठा लेता है। ऐसे व्यक्ती के मानसिक संतुलन को भी हमे साथ मिलकर बदलना होगा। वही योगा एक्सपर्ट डाॅ. गुनीत मोंगा ने अपने विचार में यह बताया कि अपने दिन के सुबह की शुरूआत योगा से हो तो व्यक्ती के मानसिक तनाव भी कम रहता है। योगा का शरीर से ऐसा जुडाव होना चाहिए जिससे वो अपनी सभी परेशानियां भूल जाए और पाॅजीटीव एनर्जी के साथ लक्ष्य को पुरा करें। इसके साथ डाईट एक्सपर्ट डाॅ. रिधिमा खमेसरा का मानना है ेिक संतुलित आहार से भी व्यक्ती के विचार, सोचने की क्षमता पर काफी असर रहता है। क्यों शरीर को सही दिशा में रखना है तो आपका डाइट कैसा है वो भी उस पर निर्भर करता है।